चंडीगढ़ से बड़ी खबर; रिटायर्ड IRS अनु सिंह हो सकती हैं राइट टू सर्विस कमीशन की नई चीफ कमिश्नर, प्रशासक के सलाहकार दौड़ से बाहर
Chandigarh Right To Service Commission News Updates
Chandigarh Right To Service Commission: चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिश्नर पद पर 1985 बैच की रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी अनु जे सिंह की तैनाती हो सकती है। पंजाब के राज्यपाल व यूटी, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने चीफ कमिश्नर पद के लिए उनके नाम की संस्तुति की है। केंद्र सरकार की ओर से इसको लेकर फाइनल निर्णय लिया जाना है। इसके साथ ही चंडीगढ़ राइट टू सर्विस कमीशन के चीफ कमिश्नर पद की दौड़ में प्रशासक के सलाहकार धर्मपाल बाहर हो गये हैं। इस पोस्ट के लिए उनका नाम कंसीडर ही नहीं किया गया। बताया जा रहा है कि पोस्ट के लिए सात लोगों ने आवेदन किया था जिसमें से तीन चुने गए थे और इसमें धर्मपाल की भी नाम था।
दैनिक अर्थप्रकाश ने सोमवार को ही खुलासा कर दिया था कि उनकी दावेदारी खटाई में पड़ सकती है। प्रशासन की ओर से पोस्ट के लिए दूसरी बार निकाले गए विज्ञापन में जो शर्तें लगाई गई उन्होंने सलाहकार धर्मपाल का काम बिगाड़ दिया। प्रशासक के सलाहकार शर्तों के पैमाने पर खरा नहीं उतरे। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि राइट टू सर्विस कमिश्नर के पद पर धर्मपाल की तैनाती हो सकती है। उनकी दावेदारी सशक्त भी थी। केंद्र सरकार के सेक्रेट्री रैंक के बराबर तो उनका दर्जा था लेकिन आवेदन के लिए रिटायरमेंट की जो शर्त रखी गई उसने एक झटके में ही धर्मपाल को रेस से बाहर कर दिया। धर्मपाल की एक सुलझे हुए अधिकारी की छवि रही है जिन्होंने चंडीगढ़ में अपनी दमदार परफोर्मेंस से खूब सुर्खियां बटोरी क्योंकि यहां के बरसों से रुके हुए काम इन्हीं के कार्यकाल के दौरान सिरे चढ़ रहे हैं।
पहले धर्मपाल को मिला था एडीशनल चार्ज
राइट टू सर्विस कमीशन के पूर्व कमिश्नर केके जिंदल का कार्यकाल पूरा होने के समय से ही धर्मपाल के पास राइट टू सर्विस कमिशनर का एडीशनल चार्ज था। पहले धर्मपाल को अतिरिक्त प्रभार देने को लेकर भी विवाद उठा था कि बतौर सरकारी मुलाजिम रहते हुए उन्हें संवैधानिक पोस्ट का अतिरिक्त चार्ज कैसे दिया जा सकता है? चंडीगढ़ के सेक्रेट्री पर्सनल की ओर से चीफ कमिशनर पद के लिए जो आवेदन मांगा है, उसके अनुसार 16 अगस्त 2023 को शाम 5 बजे तक आवेदन करने की अंतिम तारीख थी। आवेदन में दी गई शर्तों के अनुसार केवल वही अफसर इस पोस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं जो रिटायर्ड हों। बाकायदा रिटायरमेंट का आर्डर भी विज्ञापन में संलग्न करने को कहा गया था। प्रशासन की ओर से प्री-स्क्राइब परफोर्मे पर यह आवेदन मांगे गए थे जिसमें आवेदन करने वाले से रिटायरमेंट की तारीख पूछी गई थी। साथ ही यह भी पूछा गया है कि किस पोस्ट से रिटायर हुए हैं। बस यहीं सलाहकार धर्मपाल के मामले में पेंच फंस गया।
पर्सनल विभाग ने दो बार मांगे आवेदन
यहां बता दें कि इस पद के लिये पर्सनल विभाग ने दो बार आवेदन मांगे। पहले राइट टू सर्विस कमीशन में कमिशनर के पद के लिए आवेदन मांगा गया था जिसमें सलाहकार धर्मपाल ने भी आवेदन किया था। बताया जा रहा है कि उन्होंने तो वीआरएस तक के लिए एप्लाई कर दिया था। यहीं से इस पद पर उनकी तैनाती को लेकर अटकलें लगने लगी थी। कुछ दिनों के बाद दोबारा पर्सनल विभाग की ओर से आवेदन मांगे गए। इस बार कमिशनर पद की पोस्ट को बदलकर चीफ कमिशनर कर दिया गया और इसमें एक्ट के मुताबिक तय शर्तें जोड़ दी गई जिस पर धर्मपाल फिलहाल खरा नहीं उतरे। पंजाब के राज्यपाल और यूटी, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित के पास भी इस पोस्ट पर तैनाती को लेकर पत्र पहुंच रहे थे।
रिपोर्ट- साजन शर्मा